NEELAM GUPTA

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मेरा दिल

वो कहते है हमसे।
हम बदल गये।

कैसे बताएं उन्हे। 
कैसे समझाए उन्हे। 
जब अन्दर की घुटन। 
बढ़ जाती है।

मन छटपटा उठता है।
कहता है बहुत रह लिए।
सात पर्दों में बन्द बस।
अब बाहर की हवा लगनें दो।

मन मेरा उड़ चला।
उड़न तश्तरी बन।
लगा तारों से बातें करने। 
नव गृहों की परिक्रमा करने लगा।

चाँद भी आज पूरे जुनून पर था ।
हमें ही चाँद बुलाने लगा। 
हमनें कहा हम तो धरती प्रेमी। 
कहाँ आसमां हमें भाता है।

उड़ कर देखा है हमनें। 
फिर वापिस जमीं पर जाना है।
आए उतर कर तो ।
हमारी पहचान बदल गयी। 

वो कहते है हमसे। 
हम बदल गये हैं। 

नीलम गुप्ता 🌹🌹(नजरिया )🌹🌹
            दिल्ली

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2 Comments

Aliya khan

22-Mar-2021 01:00 PM

Nice

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Zubaida Khatoon

20-Mar-2021 06:01 PM

bohut achcha likha mam

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